
“मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे”… इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा. सलीम राज को सिर काटने की धमकियां मिल रही हैं। उन्हें पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान और कश्मीर के नंबरों से फोन आ रहे हैं। ईमेल से भी सिर काट देने की बातें भी कही गई हैं। उन्होंने आजाद चौक थाने में लिखित शिकायत की है। पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है।
डा. सलीम राज ने बीते दिनों प्रदेश की मस्जिदों में धार्मिक तकरीरों को छोड़कर अन्य विषयों पर बोलने के लिए अनुमति लेने का आदेश जारी किया था। सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने मस्जिदों के मुतवल्लियों को मस्जिद में धार्मिक तकरीर यानी प्रवचन के अलावा किसी भी प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाले, शासन विरोधी तकरीर पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
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छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष को पाकिस्तान से मिली धमकी, तकरीर के आदेश पर दी जान से मारने की चेतावनी
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा. सलीम राज को मस्जिदों में राजनीति पर रोक लगाने वाले बयान के बाद जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और कश्मीर से धमकियां दी गई हैं। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। डा. सलीम ने मस्जिदों में धार्मिक प्रवचन पर बोलने के लिए बोर्ड से अनुमति लेने का आदेश जारी किया था।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Tue, 26 Nov 2024 09:24:26 PM (IST)
Updated Date: Tue, 26 Nov 2024 09:24:26 PM (IST)
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा. सलीम राज। फाइल फोटो
HighLights
- मस्जिदों में राजनीति पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किया।
- डा. सलीम राज को मिली धमकियों के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा।
- मस्जिदों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली बातों पर होगी कार्रवाई।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। “मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे”… इस बयान के बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डा. सलीम राज को सिर काटने की धमकियां मिल रही हैं। उन्हें पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान और कश्मीर के नंबरों से फोन आ रहे हैं। ईमेल से भी सिर काट देने की बातें भी कही गई हैं। उन्होंने आजाद चौक थाने में लिखित शिकायत की है। पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है।
डा. सलीम राज ने बीते दिनों प्रदेश की मस्जिदों में धार्मिक तकरीरों को छोड़कर अन्य विषयों पर बोलने के लिए अनुमति लेने का आदेश जारी किया था। सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने मस्जिदों के मुतवल्लियों को मस्जिद में धार्मिक तकरीर यानी प्रवचन के अलावा किसी भी प्रकार के राजनीतिक, सामाजिक समरसता और आपसी सौहार्द बिगाड़ने वाले, शासन विरोधी तकरीर पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे।
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कहा गया था कि धार्मिक तकरीर के अलावा मुतवल्लियों को यदि अन्य विषय पर जमात के समक्ष कोई तकरीर देनी है तो उसके लिए बोर्ड से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश के बाद विरोध भी हुआ, लेकिन बोर्ड ने अपने निर्देश को यथावत रखा। ऐसे में इस बार जुमे की नमाज में होने वाली तकरीर के लिए प्रदेशभर की 152 मस्जिदों ने वक्फ बोर्ड को यह जानकारी देकर मंजूरी मांगी कि उनकी तकरीर में सिर्फ और सिर्फ धार्मिक बातें ही होंगी।सलीम राज ने बताया, मस्जिदों को राजनीति का अखाड़ा बनने से बचाने के लिए ही नियम तय किए गए हैं। अब आने वाले समय में टीमों का गठन भी किया जा रहा है। ये टीमें मस्जिदों का औचक निरीक्षण करेंगी और देखेंगी कि कहीं किसी मस्जिद में धार्मिक तकरीर की जगह किसी तरह सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली तकरीरें तो नहीं हो रही हैं। ऐसा होने पर नियमानुसार कार्रवाई भी करेंगे।